बुधवार, 10 जून 2009

मैं

धरती
मुझे गोद मैं उठाकर

गुलाबी ठण्ड से नहलाती है
फुहारों से भिगाती है

धरती
मुझे गोद मैं लेकर
सूरज के चक्कर लगाती है

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